Batillipes kalami: भारत में समुद्री टार्डिग्रेड की नई प्रजाति की खोज

कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Cusat) के शोधकर्ताओं ने समुद्री टार्डिग्रेड (marine tardigrade) की एक नई प्रजाति की पहचान की है, जिसे उन्होंने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर ‘बैटिलिपस कलामी’ (Batillipes kalami) नाम दिया है। ।

टार्डिग्रेड्स के बारे में

टार्डिग्रेड्स, जिन्हें अक्सर वाटर बियर या मॉस पिगलेट कहा जाता है सूक्ष्म जलीय जीव है

टार्डिग्रेड्स की खोज 1773 में जर्मन प्राणीशास्त्री जोहान ऑगस्ट एफ़्रैम गोएज़ ने की थी, जिन्होंने उन्हें “छोटा जल भालू” करार दिया था।

ये अपनी असाधारण लचीलापन और अति प्रतिकूल स्थिति में भी जीवित रहने की प्रवृत्ति के लिए जाने जाते हैं।

टार्डिग्रेड्स में अपने मेटाबॉलिज्म को बंद करके एक्सट्रीम एनवायरनमेंट से निपटने की क्षमता होती है। सूखने या जमने में जीने की यह क्षमता ही उन्हें अंटार्कटिक में स्थायित्व प्रदान करती है।

उनके आठ पैर होते हैं, प्रत्येक में चार से आठ पंजे या अंक होते हैं।

हालांकि टार्डिग्रेड बेहद प्यारे होते हैं, वे लगभग अविनाशी भी होते हैं और बाहरी अंतरिक्ष में भी जीवित रह सकते हैं।

वे कई तरह के पर्यावरण में जीवित रह सकते हैं। वे हिमालय पर्वत श्रृंखला में 19,600 फीट (6,000 मीटर) से अधिक की ऊंचाई से लेकर सतह से 15,000 फीट (4,700 मीटर) से अधिक समुद्र की गहराई तक जीवित रह सकते हैं।

बैटिलिप्स कलामी

दक्षिण-पूर्व तमिलनाडु के मंडपम से खोजी गई नई प्रजाति, जीनस बैटिलिपस से संबंधित है।

बैटिलिपस कलामी भारतीय जल क्षेत्र में खोजा जाने वाला दूसरा और पूर्वी तट पर खोजा जाने वाला पहला समुद्री टार्डिग्रेड है।

यह भारत की जीनस बैटिलिपस से संबंधित पहली वर्गीकरणीय रूप से वर्णित प्रजाति भी है।

बैटिलिपस कलामी जीनस बैटिलिपसकी 37वीं प्रजाति है।

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