लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (LPSS)
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-2023 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट उल्लेख किया है कि वह लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (Light weight and portable Payment and Settlement System: LPSS) लॉन्च करने की संभावना पर काम कर रहा है, जो पारंपरिक तकनीकों से स्वतंत्र होगी और इसे न्यूनतम कर्मचारियों द्वारा कहीं से भी संचालित किया जा सकता है।
लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम (LPSS) के बारे में
इस तरह की हल्की और पोर्टेबल भुगतान प्रणाली देश में भुगतान और निपटान प्रणाली के लगभग शून्य डाउनटाइम को सुनिश्चित कर सकती है और संकट के समय में अर्थव्यवस्था की नकदी ट्रांसफर प्रणाली को जारी रख सकती है।
यह प्रणाली गंभीर और अस्थिर स्थितियों या विनाशकारी घटनाओं/आपदाओं के दौरान थोक भुगतान, इंटरबैंक भुगतान और पार्टिसिपेंट संस्थानों को नकदी के भुगतान जैसी आवश्यक भुगतान सेवाओं के बिना बाधा के बनाये रखेगी ।
LPSS बहुत कम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर भी काम करेगी, केवल जरुरत पर सक्रिय रहेगी, और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लेनदेन को प्रोसेस करेगी।
इस तरह की रेजिलिएंट प्रणाली होने से इस पेमेंट सिस्टम को सेना के बंकर के सामान कार्य करने की भी संभावना है और इससे डिजिटल भुगतान और वित्तीय बाजार के बुनियादी ढांचे में भी एक्सट्रीम स्थितियों के दौरान जनता का विश्वास बढ़ेगा।
गौरतलब है कि RTGS, NEFT और UPI जैसी मौजूदा पारंपरिक भुगतान प्रणालियां लेनदेन की बड़ी मात्रा को संभालने के लिए डिज़ाइन की गई हैं और इसलिए एडवांस्ड आईटी इंफ्रास्ट्रक्टर द्वारा समर्थित जटिल वायर्ड नेटवर्क पर निर्भर हैं, जो सूचना और संचार इंफ्रास्ट्रक्टर में किसी व्यवधान के कारण अनुपलब्ध हो सकते हैं।
‘उत्कर्ष 2.0’ पहल के एक भाग के रूप में, RBI केंद्रीकृत भुगतान प्रणालियों – NEFT और RTGS के निरीक्षण के लिए एक रेजिलिएंट ढांचा तैयार करेगा।