Nano DAP: नैनो-डीएपी को फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल किया गया, जल्द ही बाजार में होगा उपलब्ध

केंद्र सरकार ने नैनो DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) को अपनी मंजूरी दे दी है। इसे कृषि मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया है और उर्वरक नियंत्रण आदेश (Fertiliser Control Order) में भी अधिसूचित किया गया है।

उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 मूल अधिनियम है जो भारत में उर्वरकों की बिक्री, मूल्य निर्धारण, वितरण और अन्य औपचारिकताओं को नियंत्रित करता है।

नैनो लिक्विड DAP के बारे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो लिक्विड DAP (nano liquid DAP) उर्वरक को मंजूरी दिए जाने को किसानों का जीवन आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

यह देश के किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और आत्मनिर्भर भारत के विजन में मदद करेगा।

अब DAP की थैली के रूप में DAP की बोतल मिलेगी। बता दें कि वर्ष 2021 में बाजार में नैनो लिक्विड यूरिया (nano liquid urea) पेश करने वाली उर्वरक सहकारी संस्था IFFCO ने घोषणा की थी कि सरकार ने नैनो डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है।

दिसंबर 2022 में, इफको ने कहा था कि वह जल्द ही 600 रुपये प्रति 500 ml की बोतल पर नैनो डीएपी लॉन्च करेगी, एक ऐसा कदम जो भारत को विदेशी मुद्रा बचाने में मदद करेगा और सरकारी सब्सिडी को भी काफी कम करेगा।

Nano DAP की 500 लीटर की बोतल की कीमत लगभग 600 रुपये होने की उम्मीद है, जो कि डीएपी के 50 किलोग्राम के बैग की वर्तमान सब्सिडी दर का आधा है, जिसकी कीमत किसान को लगभग 1,350-1,400 रुपये है।

बता दें कि DAP, यूरिया के बाद देश में दूसरा सबसे अधिक खपत वाला उर्वरक है और लगभग 10-12.5 मिलियन टन की अनुमानित वार्षिक खपत में से; स्थानीय उत्पादन लगभग 4-5 मिलियन टन है जबकि बाकी का आयात करना पड़ता है। नैनो डीएपी से गैर-यूरिया उर्वरकों पर वार्षिक सब्सिडी को कम करने में भी योगदान की उम्मीद है।

भारत में उर्वरक मूल्य नीति

यूरिया का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) फिलहाल सरकार तय करती है। कंपनियां इस प्रशासित मूल्य पर बेचने के लिए बाध्य हैं, उनके उत्पादन की उच्च लागत या केंद्र द्वारा सब्सिडी के रूप में आयात की प्रतिपूर्ति की जा रही है।

अप्रैल 2010 से अन्य उर्वरक तकनीकी रूप से “गैर-नियंत्रित” हैं, केंद्र केवल कीमतों के “उचित स्तर” सुनिश्चित करने के लिए एक निश्चित प्रति टन सब्सिडी का भुगतान कर रही है।

वर्ष 2010 में DAP सहित फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) उर्वरकों की खुदरा कीमतों को NBS (पोषक तत्व आधारित सब्सिडी) तंत्र के हिस्से के रूप में ‘फिक्स्ड-सब्सिडी’ व्यवस्था की शुरुआत के साथ ‘विनियंत्रित’ कर दिया गया था।

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना सभी गैर-यूरिया-आधारित उर्वरकों के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।

यूरिया और डीएपी उच्च विश्लेषण वाले उर्वरक हैं, जिनमें किसी एक पोषक तत्व का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होता है। यूरिया में 46 प्रतिशत N है, जबकि डीएपी में 46 प्रतिशत और 18 प्रतिशत N है।

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