प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA)

एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल उन 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से हैं, जिन्होंने अभी तक पीएम-उषा (PM-USHA) योजना के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA)

यह योजना अगले तीन वर्षों के लिए लगभग ₹13,000 करोड़ की धनराशि प्राप्त करने के लिए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को अनिवार्य बनाती है

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) यानी पीएम-उषा राज्य संचालित उच्चतर शिक्षा के लिए केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है।

PM-USHA बजट का 40% हिस्सा राज्यों द्वारा स्वयं वहन किया जाना चाहिए।

PM-USHA राज्य विश्वविद्यालयों में उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय की योजना का नया नाम है।

NEP 2020 को अपनाने के अलावा, समझौता ज्ञापन में अन्य बातों के अलावा, चार साल के स्नातक कार्यक्रम के लिए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए दिशानिर्देशों को अपनाने पर राज्यों की प्रतिबद्धता भी शामिल है। इन शर्तों से सहमत हुए बिना, राज्य निधि में हिस्सेदारी का लाभ नहीं उठा सकते।

इस योजना के तहत पाठ्यक्रम और कार्यक्रम में बदलाव, शिक्षक प्रशिक्षण, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे, मान्यता और रोजगार क्षमता में वृद्धि के माध्यम से तथा समानता, पहुंच और समावेशन सुनिश्चित करते हुए गुणवत्ता में सुधार का उद्देश्य लेकर चलती है।

योजना के तहत 2023-24 और 2025-26 के बीच ₹12,926.10 करोड़ का परिव्यय का प्रावधान किया गया है।

PM-USHA योजना में भाग लेने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की दृढ़इच्छा दर्शाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं और इससे योजना के बेहतर कार्यान्वयन में मदद मिलेगी।

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