पासपोर्ट टू अर्निंग (P2E) कार्यक्रम
11 अक्टूबर 2023 को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Day of the Girl Child) के अवसर पर यूनिसेफ ने ‘पासपोर्ट टू अर्निंग’ (Passport to Earning: P2E) कार्यक्रम के तहत एक मिलियन प्रमाणन की उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष्य में एक ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया।
‘पासपोर्ट टू अर्निंग’ (P2E)
UNICEF के वैश्विक स्तर के सीखने-से-कमाई संबंधी कदम, ‘पासपोर्ट टू अर्निंग’ (P2E) ने भारत में एक मिलियन से अधिक युवाओं को वित्तीय साक्षरता और डिजिटल उत्पादकता के क्षेत्रों में कुशल बनाया और प्रमाणित किया है।
यह उपलब्धि युवाओं को भविष्य के काम और जीवन के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करने में मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। विशेष रूप से, भारत में P2E पाठ्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले सभी युवा शिक्षार्थियों में से 62 प्रतिशत किशोरियां एवं युवतियां हैं।
भारत में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप, P2E पहल डिजिटल उत्पादकता, वित्तीय साक्षरता, रोजगार हेतु योग्यता संबंधी कौशल और नौकरी के लिए तैयार कौशल से संबंधित प्रमाणन (सर्टिफिकेट) पाठ्यक्रमों तक निशुल्क पहुंच प्रदान करती है।
P2E समाधान ऑनलाइन, हाइब्रिड एवं ऑफलाइन शिक्षण मॉडल का भी प्रावधान करता है।
इस डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म का लक्ष्य 2024 तक भारत में 14-29 वर्ष के आयु वर्ग के पांच मिलियन युवाओं को दीर्घकालिक सस्टेनेबल कौशल प्रदान करना और फिर उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए नौकरी, स्वरोजगार और उद्यमिता के अवसरों से जोड़ना है।