भारत लगातार पांचवें वर्ष तांबे का शुद्ध आयातक बना

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वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के तांबे (copper) के आयात में साल-दर-साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। रियल एस्टेट से लेकर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग तक के सेक्टर्स में आर्थिक गतिविधियों में मजबूत रिबाउंड के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के जोर ने कॉपर की मांग को बढ़ावा दिया है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 2,75,341 टन तांबे का आयात किया था। इनमें रिफाइंड और फिनिश्ड तांबा, दोनों शामिल हैं।

रिफाइंड तांबा अंतिम उत्पाद है जहां तांबे के अयस्क से अशुद्धियों को दूर किया जाता है। दूसरी ओर, फिनिश्ड तांबा, उस तांबे को कहा जाता है जिसे वायर, ट्यूब, पाइप, शीट जैसे अपने अंतिम रूप में प्रोसेस्ड और आकार दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023 में, तांबे की घरेलू मांग सालाना आधार पर 18-20 प्रतिशत बढ़ी है।  

वित्त वर्ष 2021 और 2022 में भारत का तांबे का आयात क्रमशः 2,38,483 टन और 2,38,694 टन रहा। हालांकि, FY23 में तांबे का आयात अभी भी वित्त वर्ष 20 में दर्ज किए गए 3,57,423 टन के पूर्व-कोविड उच्च स्तर से कम था। बता दें कि स्टील और एल्यूमीनियम के बाद कॉपर तीसरी सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली औद्योगिक धातु है।

वित्त वर्ष 2018 तक भारत तांबे का नेट  निर्यातक हुआ करता था। मई, 2018 में तमिलनाडु सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण की चिंताओं और हिंसक विरोधों का हवाला देते हुए तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता के स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टर प्लांट को सील करने और “स्थायी रूप से” बंद करने का आदेश दिया।

स्टरलाइट कॉपर प्लांट अपने बंद होने तक घरेलू मांग का 40 फीसदी पूरा कर रहा था। अनुमान के मुताबिक भारत की कुल रिफाइंड तांबे की उत्पादन क्षमता लगभग 7.85 लाख टन है, जिसमें से हिंडाल्को की क्षमता लगभग 5 लाख टन है।  

अनुमान के अनुसार, सौर फोटोवोल्टिक और ऑफशोर  पवन ऊर्जा चक्कियों  के माध्यम से 1 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए 3,000 किलोग्राम तांबे की आवश्यकता होती है।

ऑफशोर  पवन ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन और भी अधिक तांबा-गहन है, जिसके लिए प्रति मेगावाट 8,000 किलोग्राम तांबे की आवश्यकता होती है।

कॉपर

बता दें कि कॉपर उन कुछ धातुओं में से एक है जो प्रकृति में सीधे प्रयोग करने योग्य धात्विक रूप (मूल धातु) में प्राप्त होती है

एक ही खान में तांबे के अयस्क का सबसे बड़ा ज्ञात भंडार चिली में एल टेनिएंटे खदान में जमा है।

कॉपर कई खनिजों में एक कॉमन तत्व है और कभी-कभी शुद्ध, देशी रूप में होता है।

दुनिया का अधिकांश तांबा खनिजों कैल्कोपाइराइट और कैल्कोसाइट (chalcopyrite and chalcocite) से आता है। ताँबे के लिए क्राइसोकोला और मैलाकाइट का भी खनन किया जाता है। 

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