यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण ने छह भारतीय क्लीयरिंग हाउसेस की मान्यता रद्द की
यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण (ESMA) ने अक्टूबर 2022 में भारतीय समाशोधन निगम (क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड: CCIL) सहित छह भारतीय क्लीयरिंग हाउसेस की मान्यता रद्द कर दी थी।
CCIL सरकारी बॉन्ड और ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को होस्ट करता है। अब भारत में कार्यरत यूरोपीय बैंकों ने इस निर्णय के प्रति चिंता व्यक्त की हैं क्योंकि वे व्यापारिक व्यवधानों का सामना कर रहे हैं। इन बैंकों ने अपने मूल देशों के विनियामक संस्थाओं के समक्ष अपना पक्ष रखने का निर्णय लिया है।
कहा जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेशी विनियामकों को CCIL की ऑडिट और निरीक्षण की अनुमति नहीं देने के बाद यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले के बाद एस्ट्रोइड (ASTROID) काम करना बंद कर देगा। सरकारी प्रतिभूतियां (G-sec) भी प्रभावित होंगी। CCIL G-sec को क्लियर करने वाला प्लेटफॉर्म है। ऐसे में G-sec की ट्रेडिंग बंद हो सकती है।
एस्ट्रोइड ( (ASTROID) CCIL के रुपये डेरिवेटिव डीलिंग सेगमेंट को संदर्भित करता है और ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप में व्यापार के लिए प्लेटफार्म है।
छह संगठनों की मान्यता रद्द
ESMA द्वारा जिन छह संगठनों की मान्यता रद्द की गई है, वे हैं: क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), इंडियन क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ICCL), NSE क्लीयरिंग लिमिटेड (NSCCL), मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग (MCXCCL), इंडिया इंटरनेशनल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (IFSC) लिमिटेड (IICC) और NSE IFSC क्लियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NICCL)।
इनमें से CCIL की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक करता है। शेष क्लीयरिंग हाउसेस की मॉनिटरिंग भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण द्वारा की जाती है।
इंडिया इंटरनेशनल क्लियरिंग कॉर्पोरेशन (ICCL) की विनियामक संस्था अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण है।