अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन को मंजूरी दी है। अब, उपग्रह उप-क्षेत्र को ऐसे प्रत्येक क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए तय सीमाओं के साथ तीन अलग-अलग गतिविधियों में विभाजित किया गया है।

अभी तक की FDI नीति के अनुसार, उपग्रहों की स्थापना और ऑपरेशन में केवल सरकारी मंजूरी रूट के जरिए ही FDI की अनुमति है।

संशोधित FDI नीति के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति है। संशोधित नीति के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों के लिए FDI सीमा इस प्रकार हैं:

आटोमेटिक रूट के अंतर्गत 74 प्रतिशत तक FDI: उपग्रह-विनिर्माण और ऑपरेशन, सैटेलाइट डेटा उत्पाद और ग्राउंड सेगमेंट और यूजर सेगमेंट। 74 प्रतिशत से अधिक के लिए ये गतिविधियां सरकारी मार्ग के अंतर्गत आती हैं।

-आटोमेटिक रूट के अंतर्गत 49 प्रतिशत तक FDI: प्रक्षेपण यान और संबंधित प्रणालियां या उपप्रणालियां, अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करने और रिसीव करने के लिए स्पेसपोर्ट का निर्माण। 49 प्रतिशत के बाद ये गतिविधियां सरकारी मार्ग के अंतर्गत आती हैं।

-आटोमेटिक रूट के अंतर्गत 100 प्रतिशत तक FDI: उपग्रहों, ग्राउंड सेगमेंट और यूजर सेगमेंट के लिए घटकों और प्रणालियों/उप-प्रणालियों का विनिर्माण।

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