अगुम्बे (Agumbe)

कर्नाटक के शिवमोगा जिले के अगुम्बे (Agumbe) को मानसून के दौरान 8,000 मि.मी. से अधिक वर्षा प्राप्त करने की वजह से ‘दक्षिण का चेरापूंजी’ (Cherrapunji of the South) नाम दिया गया था। हालांकि, विगत अब दो वर्षों से, यहां अधिकतम मानसूनी वर्षा 5,250 मिमी-5,500 मिमी की सीमा में ही है।

अगुम्बे में बारिश सैकड़ों वाटर बॉडीज के स्रोत हैं जो पश्चिमी घाट से निकलने वाली कई नदियों के जल के स्रोत भी हैं।

पश्चिमी घाट में स्थित अगुम्बे में सोमेश्वर वन्यजीव अभयारण्य, कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान, कोदाचद्री और मूकाम्बिका पहाड़ी श्रृंखलाओं के जंगलों का एक बड़ा क्षेत्र  शामिल हैं।

यहां के जंगलों को इतने बड़े आकार तक बढ़ने के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है ताकि किंग कोबरा के घोंसले बचे रह सकें।

अगुम्बे रेनफॉरेस्ट रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं के अनुसार बारिश के बिना बांस के पेड़ नष्ट हो जाते हैं जिनमें किंग कोबरा अपना घोंसला बनाते हैं। यह किंग कोबरा का दुनिया का एकमात्र प्राकृतिक पर्यावास (world’s only natural habitat of the King Cobra) है।

अगुम्बे से अरब सागर में डूबते सूर्य के दृश्य को देखा जा सकता है।

विश्व प्रसिद्ध सरीसृपविज्ञानी रोमुलस व्हिटेकर ने लुप्तप्राय किंग कोबरा प्रजाति का अध्ययन करने के लिए अगुम्बे रेनफॉरेस्ट रिसर्च स्टेशन (ARRS) नामक एक उष्णकटिबंधीय अनुसंधान स्टेशन की स्थापना की है, जो एक प्रमुख आकर्षण भी है। मशहूर टीवी सीरियल ‘मालगुडी डेज़’ की शूटिंग इन्हीं इलाकों में हुई थी।

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