19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन
भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने 12 नवंबर 2022 को कंबोडिया के नोम पेन्ह में 19वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (19th ASEAN-India Summit) में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
अपने प्रारंभिक संबोधन में, उपराष्ट्रपति ने प्राचीन काल से भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच मौजूद गहरे सांस्कृतिक, आर्थिक और सभ्यतागत संबंधों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत-आसियान संबंध भारत की एक्ट-ईस्ट नीति (ACT-EAST policy) का केंद्रीय स्तंभ है। उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीय भूमिका के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।
शिखर सम्मेलन में, आसियान और भारत ने मौजूदा ‘रणनीतिक साझेदारी’ को और प्रगाढ़ बनाते हुए इसे ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ (Comprehensive Strategic Partnership) में बदलने का निर्णय लिया।
दोनों पक्षों ने इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता और ओवरफ्लाइट को बनाए रखने और बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि की।
दोनों पक्षों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा और नेविगेशन की स्वतंत्रता और ओवरफ्लाइट को बनाए रखने और बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि की।
संयुक्त वक्तव्य में विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि समुद्री गतिविधियों, आतंकवाद का मुकाबला, अंतर्राष्ट्रीय अपराध, साइबर सुरक्षा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, क्षेत्रीय संपर्क, स्मार्ट कृषि, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई।
संयुक्त वक्तव्य में आसियान-भारत व्यापार समझौते (ASEAN-India Trade in Goods Agreement: AITIGA) की समीक्षा में तेजी लाने का भी प्रस्ताव है ताकि इसे अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल, सरल और व्यापार के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके।
बता दें कि वर्ष कंबोडिया के नोम पेन्ह से ही वर्ष 2002 में आसियान-भारत शिखर सम्मेल की शुरुआत हुई थी। तब से आसियान-भारत शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता रहा है।