मणिपुर में चार से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा
मणिपुर राज्य कैबिनेट ने चार से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी योजनाओं और लाभार्थी कार्यक्रमों से बाहर करने का निर्णय को 13 अक्टूबर को मंजूरी दी।
साथ ही राज्य कैबिनेट ने मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग के गठन की स्वीकृति भी दी है।
राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि चार से अधिक बच्चों वाले परिवारों को कोई सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश के रूप में मणिपुर राज्य जनसंख्या आयोग की स्थापना को मंजूरी दी और आगे निर्णय लिया कि चार से अधिक बच्चों वाले परिवार को कोई सरकारी लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा।
राज्य में बाहरी लोगों की कथित घुसपैठ को लेकर विधायक खुमुक्कम जोयकिसन ने यह प्रस्ताव पेश किया था। आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 1971-2001 के बीच मणिपुर के पहाड़ी जिलों में 153.3 फीसदी की जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गयी जबकि 2001-2011 के बीच यह काफी बढ़कर 250 फीसदी हो गई है।
पहाड़ी जिलों में मुख्य रूप से नागा, कुकी और ज़ोमी जातीय समुदायों का निवास है।
बता दें कि असम सरकार ने भी एक साल से अधिक समय पहले एक आदेश जारी किया था, जिसमें 1 जनवरी, 2021 को या उसके बाद दो से अधिक बच्चों वाले किसी भी व्यक्ति को सरकारी नौकरी से प्रतिबंधित कर दिया गया था।