नागरिक पंजीकरण प्रणाली: रियल टाइम आधार पर जन्म, मृत्यु पंजीकरण की तैयारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार रियल टाइम आधार पर जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को संभव बनाने के लिए नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System: CRS) में सुधार करने की योजना बना रही है।
प्रस्तावित परिवर्तन
- रिपोर्ट में कहा गया है, CRS प्रणाली समय पर सही से और एकरूप तरीके से जन्म और मृत्यु के पंजीकरण में चुनौतियों का सामना कर रही है। इससे जन्म और मृत्यु पंजीकरण में देरी होती है और पूरी तरह कवरेज भी नहीं पाती है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक जनता को शीघ्र सेवा प्रदान करने में सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि देश के नागरिक पंजीकरण प्रणाली में एक आईटी सक्षम बैकबोन के माध्यम से परिवर्तनकारी परिवर्तन शुरू किया जाए जिससे वास्तविक समय में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण हो सके जिसमे मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम होगा।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारत के महापंजीयक ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जो इसे “राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस को बनाए रखने” में सक्षम करेगा।
नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS)
- नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) का संचालन भारत के महापंजीयक (RGI) द्वारा किया जाता है। यह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) से जुड़ा है, जिसमें पहले से ही 119 करोड़ निवासियों का डेटाबेस है।
- जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है।
- मुख्य रजिस्ट्रार को वर्ष के दौरान पंजीकृत जन्म और मृत्यु पर एक सांख्यिकीय रिपोर्ट प्रकाशित करना अनिवार्य है।
- भारत के महापंजीयक को 1969 के अधिनियम की धारा 3(3) के तहत सभी राज्यों के जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार की गतिविधियों के समन्वय और एकीकरण के लिए कदम उठाने का अधिकार है।
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