तराई हाथी रिजर्व (TER)-भारत का 33वां हाथी रिजर्व
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तराई हाथी रिजर्व (Terai Elephant Reserve : TER) स्थापित करने की मंजूरी दे दी है।
तराई हाथी रिजर्व (TER) देश में 33वां और उत्तर प्रदेश का दूसरा एलीफैंट रिज़र्व होगा।
उत्तर प्रदेश में पहला हाथी रिज़र्व 2009 में सहारनपुर और बिजनौर जिलों के शिवालिक में अधिसूचित किया गया था।
तराई हाथी रिजर्व (TER) को पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर), दुधवा नेशन पार्क (डीएनपी) के किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य (KWS), कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य (KGWS), दुधवा बफर जोन और दक्षिण खीरी वन प्रभाग के कुछ हिस्से के वन क्षेत्रों को मिलाकर 3,049.39 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा।
दुधवा क्षेत्र में एक हाथी रिजर्व की आवश्यकता तब महसूस हुई जब जंगली हाथियों पर एक अध्ययन से पता चला कि प्रवासी हाथी जो पहले नेपाल सहित पड़ोसी क्षेत्रों से दुधवा, कतर्नियाघाट, पीलीभीत और अन्य तराई क्षेत्रों में आया जाये करते थे, और वापस अपने मूल गंतव्यों में लौट जाते थे अब यहाँ स्थायी रूप से रहने लगे थे।
तराई क्षेत्र में हाथी अभ्यारण्य का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि यह भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है जहाँ जंगली हाथियों का प्रवासन प्रवास एक नियमित ट्रेंड है, जिससे मानव-हाथी संघर्ष सामने आते रहे हैं।
प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता मिलने के साथ, तराई हाथी रिजर्व मानव-हाथी संघर्षों को प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होगा। इसके अलावा अब हाथियों के संरक्षण और पर्यावरण के विकास में अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को शामिल किया जा सकना संभव हो पायेगा।