भारत, फ्रांस ‘इंडो-पैसिफिक त्रिपक्षीय विकास सहयोग’ की स्थापना पर सहमत हुए
भारत और फ्रांस ‘इंडो-पैसिफिक त्रिपक्षीय विकास सहयोग’ (Indo-Pacific trilateral development cooperation) की स्थापना की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए हैं जो विकास परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाएगा।
यह सहयोग इंटरनेशनल सोलर अलायन्स ( ISA) से जुड़ी विकास परियोजनाओं को सुगम बनाएगा।
अपने फ्रांसीसी समकक्ष कैथरीन कोलोना के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि इंडो-पैसिफिक त्रिपक्षीय भारतीय नवाचारों और स्टार्ट-अप के लिए भी एक मंच होगा जो अन्य समाजों की आवश्यकताओं के लिए अपनी प्रासंगिकता प्रदर्शित कर सकते हैं।
ISA ने तीन देशों में परियोजनाएं बनाई हैं जो सेनेगल, भूटान और पापुआ न्यू गिनी जैसे देशों में भारत और फ्रांस के प्रभाव को प्रदर्शित करेंगी।
स्वतंत्र, नियम आधारित और खुले इंडो-पैसिफिक के संयुक्त प्रयासों के अलावा, दोनों मंत्रियों ने कई अन्य वैश्विक मुद्दों और आर्थिक चुनौतियों, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साझा प्रयासों पर चर्चा की।
ब्रेस्ट में एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम सी टेक वीक (Sea Tech Week) 25-27 सितंबर तक ब्लू इकोनॉमी के हितधारकों को एक साथ लाएगा जहां भारत पहला “कंट्री ऑफ़ ऑनर” देश होगा।
भारत के दौरे पर आईं फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने 2025 तक 20,000 भारतीय छात्रों का स्वागत करने के फ्रांस के लक्ष्य को दोहराया।
दोनों देशों ने स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक नया भारत-फ्रांस कॉम्प्लेक्स (Indo-French Campus for Healthcare) शुरू किया है।
इस कार्यक्रम के तहत पूरे इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र के छात्रों को 2023 से स्वास्थ्य सेवा में दोहरी डिग्री प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बोनजोर इंडिया फेस्टिवल (Bonjour India festival) की सफलता पर भी प्रकाश डाला। इस वर्ष मार्च से अब तक 19 शहरों में इस उत्सव में 1,00,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो चुके हैं और लगभग 116 कार्यक्रम हो चुके हैं। यह 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ पर फ्रांस की ओर से एक उपहार था।