केंद्रीय सूचना आयोग के पास बेंच गठित करने और नियम बनाने की शक्तियां हैं-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission) के पास पीठों का गठन करने और नियम बनाने की शक्तियाँ हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रशासनिक संस्थाओं की ऑटोनॉमी और स्वतंत्रता उनके निर्धारित कार्यों को प्रभावी ढंग से करने की उनकी क्षमता के लिए अनिवार्य हैं।
न्यायालय ने कहा कि आयोग की पीठों के गठन से संबंधित नियम बनाने की मुख्य सूचना आयुक्त की शक्तियाँ बरकरार हैं क्योंकि ऐसी शक्तियां RTI अधिनियम की धारा 12(4) के दायरे में हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) जैसी संस्थाएं विशेष कार्यों को करने के लिए स्थापित की जाती हैं, जिनके लिए निष्पक्षता और विशेषज्ञता के स्तर की आवश्यकता होती है, जो केवल तभी प्राप्त हो सकती है जब वे अनुचित हस्तक्षेप से मुक्त हों।
हालांकि RTI अधिनियम स्पष्ट रूप से केंद्रीय सूचना आयोग को नियम तैयार करने का अधिकार नहीं देता है, RTI अधिनियम की धारा 12 (4) के तहत दी गई व्यापक शक्तियों में स्वाभाविक रूप से आयोग के मामलों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की क्षमता शामिल है।
केंद्रीय सूचना आयोग का गठन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत 12-10-2005 को किया गया।
आयोग का अधिकार क्षेत्र सभी केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरणों तक फैला हुआ है।
आयोग के निर्णय अंतिम और बाध्यकारी हैं।