ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) और इकोमार्क योजना
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ‘LiFE’ – ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए दो अग्रणी पहलें शुरू की हैं।
ये पहलें हैं; ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (Green Credit Program: GCP) और इकोमार्क योजना (Ecomark Scheme)।
इन पहलों का उद्देश्य परंपरा और संरक्षण में निहित पर्यावरण अनुकूल कार्यों को प्रोत्साहित करना है। यह LiFE अवधारणा के विचारों के अनुकूल है।
ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) के बारे में
13 अक्टूबर, 2023 को अधिसूचित ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) एक अभिनव मार्केट बेस्ड मैकेनिज्म है जिसे व्यक्तियों, समुदायों, निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) GCP प्रशासक के रूप में कार्य करगी। यह GCP कार्यक्रम के कार्यान्वयन, प्रबंधन, निगरानी और संचालन के लिए जिम्मेदार है।
अपने प्रारंभिक चरण में, GCP दो प्रमुख गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा: जल संरक्षण और वनीकरण।
ग्रीन क्रेडिट रजिस्ट्री और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, पंजीकरण और उसके बाद ग्रीन क्रेडिट की खरीद और बिक्री की सुविधा प्रदान करेगा।
ग्रीन क्रेडिट प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों और संस्थाओं को केंद्र सरकार के समर्पित ऐप/वेबसाइट के माध्यम से अपनी गतिविधियों को पंजीकृत करना होगा।
प्रशासक छोटी परियोजनाओं के लिए स्व-सत्यापन के साथ, एक निर्दिष्ट एजेंसी के माध्यम से गतिविधि का सत्यापन करेगा। एक बार सत्यापन पूरा हो जाने पर, प्रशासक एक ग्रीन क्रेडिट प्रमाणपत्र प्रदान करेगा जो ग्रीन क्रेडिट प्लेटफॉर्म पर व्यापार योग्य होगा।
इकोमार्क योजना
13 अक्टूबर 2023 को अधिसूचित इकोमार्क योजना, पिछली इकोमार्क अधिसूचना की जगह लेगी।
यह घरेलू और उपभोक्ता उत्पादों के लिए मान्यता और लेबलिंग प्रदान करता है जो भारतीय मानदंडों के अनुसार गुणवत्ता मानकों को बनाए रखते हुए विशिष्ट पर्यावरणीय मानदंडों को पूरा करते हैं।
इकोमार्क योजना के तहत मान्यता प्राप्त उत्पाद न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव सुनिश्चित करते हुए विशिष्ट पर्यावरणीय मानदंडों का पालन करेंगे।
यह पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करेगा और पर्यावरण के प्रति जागरूक विकल्पों को प्रोत्साहित करेगा।
यह वस्तु उत्पादकों को पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन की ओर बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेगा। यह योजना सटीक लेबलिंग सुनिश्चित करने और उत्पादों के बारे में भ्रामक जानकारी को रोकने का प्रयास करती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के साथ साझेदारी में इकोमार्क योजना का संचालन करेगा, जो मानकों और प्रमाणन के लिए राष्ट्रीय निकाय है।