भारत में रेयर अर्थ (RE) के भंडार

भारत में दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth: RE) संसाधनों को दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा संसाधन बताया गया है। वैसे भारतीय रेयर अर्थ संसाधन निम्न ग्रेड वाला है और यह रेडियोधर्मिता से जुड़ा हुआ है जिससे इससे निकालना दीर्घ, जटिल और महंगी प्रक्रिया हो जाती है।

इसके अलावा, भारतीय संसाधनों में हल्के रेयर अर्थ एलिमेंट्स (LREE) की बहुलता हैं जबकि हैवी रेयर अर्थ एलिमेंट्स (HREE) निकालने योग्य मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं।

मूल्य के संदर्भ में रेयर अर्थ का 80% से अधिक उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा स्थायी चुम्बकों में होता है जिसके लिए चुंबकीय REE (Magnetic REE) यानी नियोडिमियम, प्रेसियोडीमियम, डिस्प्रोसियम और टेरबियम की आवश्यकता होती है।

ये बहुमूल्य REE हैं क्योंकि ये स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण तत्व हैं।

उच्च मूल्य वाले REE डिस्प्रोसियम और टेरबियम हैं लेकिन भारत में इनकी इतनी मात्रा नहीं है कि इन्हें निकाला जा सके।

भारतीय REE भंडारों में केवल नियोडिमियम (Neodymium) और प्रेजोडिमियम (Praseodymium) उपलब्ध हैं और 99.9% शुद्धता स्तर तक निकाले जा रहे हैं।

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