सरोगेसी के लिए कौन हैं पात्र?
सरोगेसी अधिनियम 2021 ने देश में एक फलते-फूलते बांझपन उद्योग के सरोगेसी हिस्से को विनियमित किया है। ‘सरोगेसी’ को एक ऐसी प्रथा के रूप में परिभाषित किया है जहां एक महिला किसी अन्य दम्पति के लिए बच्चे को जन्म देती है और जन्म के बाद बच्चे को उन्हें सौंपने के लिए सहमत होती है।
परोपकारी सरोगेसी की अनुमति
भारत का नया सरोगेसी कानून ‘परोपकारी सरोगेसी’ (altruistic surrogacy) की अनुमति देता है। अर्थात ऐसी सरोगेसी जिसमें गर्भावस्था के दौरान सरोगेट मां को दम्पति द्वारा केवल चिकित्सा व्यय और बीमा कवरेज प्रदान किया जाता है । किसी प्रकार की अन्य मौद्रिक सहायता की मनाही है।
इस तरह यह कमर्शियल सरोगसी को प्रतिबंधित करता है।
सरोगेसी दम्पति के लिए पात्रता
एक विवाहित जोड़ा केवल चिकित्सा आधार पर सरोगेसी का विकल्प चुन सकता है।
यह सिंगल (कभी विवाहित नहीं) महिलाओं, या पुरुषों, या समलैंगिक जोड़ों को सरोगेसी चुनने की अनुमति नहीं देता है।
साथ ही, जो दंपति सरोगेसी से संतान प्राप्त करना चाहता है, उसे पहले से अपना कोई संतान नहीं होनी चाहिए।
हालांकि कानून सिंगल महिलाओं को सरोगेसी का सहारा लेने की इजाजत देता है, लेकिन उसे 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच विधवा या तलाकशुदा होना चाहिए।
हालाँकि, सिंगल पुरुष सरोगेसी के लिए पात्र नहीं हैं।
कोई भी दंपत्ति जिनके ‘बांझपन की पुष्टि’ हो चुकी है, वे इसके पात्र होते हैं।
‘इच्छुक दम्पति’ (intending couple) सरोगेसी के लिए पात्र होंगे यदि उनके पास ‘आवश्यकता का प्रमाण पत्र’ और उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा जारी ‘पात्रता का प्रमाण पत्र’ है।
सरोगेट मदर
दंपति का केवल एक करीबी रिश्तेदार ही सरोगेट मदर हो सकती है, जो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान करने में सक्षम हो।
सरोगेट मदर को विवाहित होनी चाहिए, उसका अपना एक बच्चा होना चाहिए, और उसकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
लेकिन वह केवल एक बार सरोगेट मदर बन सकती है।
GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स डेली ऑनलाइन अभ्यास (टेस्ट) के लिए यहाँ क्लिक करें
MORE THAN 30 QUESTIONS FORM GS TIMES UPSC 2022 PRELIMS CURRENT AFFAIRS DAILY TEST