ऋण पुनर्संचरना (Loan restructuring) क्या है?

ऋण पुनर्संचरना (Loan restructuring) एक तरीका है जिसका उपयोग व्यवसायों, व्यक्तियों और यहां तक ​​कि सरकारों द्वारा कम ब्याज दर चुकाने हेतु समझौता करके मौजूदा ऋणों पर डिफॉल्ट से बचने के लिए किया जाता है।

जब कोई ऋणी वित्तीय संकट में होता है, तो ऋण पुनर्संचरना, दिवाला या इन्सॉल्वेंसी के लिए एक कम खर्चीला विकल्प होता है। यह कर्जदाता और कर्जदार, दोनों की सहायता कर सकता है। जब कोई कंपनी या व्यक्ति फोरक्लोजर (कर्ज नहीं चुकाने के कारण संपत्ति नीलामी) के करीब पहुंच रहा होता है, तो वे अपने ऋण की पुनर्संचरना करने का प्रयास करते हैं।

ऋण पर ब्याज दरों को कम करने के लिए बैंकों से सहमत होने या ऋण चुकाने की अवधि को बढाकर या फिर दोनों उपायों का सहारा लेकर व्यक्ति या कंपनी कर्जदाता के साथ ऋण पुनर्संचरना करता है। इस कदम से उस व्यक्ति और कंपनी द्वारा ऋण चुकाने की संभावना बढ़ जाती है, साथ ही कंपनी पर से फोरक्लोजर का खतरा समाप्त हो जाता है। इससे वह ऑपरेशन में बना रहता है।

कर्जदाता भी समझता है कि कि यदि व्यक्ति या कंपनी को दिवालियेपन में धकेल दिया जाता है, तो उसके ऋण की बहुत कम वापसी होगी। इस तरह ऋण पुनर्संचरना, दोनों पक्षों के लिए विन-विन सिचुएशन होता है क्योंकि कंपनी दिवालिया होने से बच जाती है। कर्जदाता को भी ऋण पुनर्संचरना प्रक्रिया में इन्सॉल्वेंसी से अधिक की रिकवरी हो जाती है।

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