यूरिक एसिड (Uric Acid)

इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IASST) के शोधकर्ताओं ने यूरिक एसिड (uric acid) का पता लगाने के लिए एक नया फ्लेक्सिबल बायो-इलेक्ट्रॉनिक यूरिक एसिड टेस्ट उपकरण बनाया गया है जिसका उपयोग पहनने योग्य सेंसर और पॉइंट-ऑफ-केयर नैदानिक परीक्षण (डायग्नोस्टिक्स) जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए किया जा सकता है।

यूरिक एसिड सबसे महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट में से एक है जो रक्तचाप की स्थिरता को बनाए रखता है और जीवित प्राणियों में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। रक्त में यूरिक एसिड की सामान्य सीमा 0.14 से 0.4 mmol dm-3 और मूत्र के लिए 1.5 से 4.5 mmol dm-3 होती है ।

इसके उत्पादन और उत्सर्जन के बीच संतुलन की कमी के कारण यूरिक एसिड के स्तर में उतार-चढ़ाव हाइपरयूरिसीमिया जैसी कई बीमारियों का कारण बनता है, जो बदले में गठिया (गाउट रोग), टाइप 2 मधुमेह, लेश-नाइहन सिंड्रोम (Lesch–Nyhan syndrome), उच्च रक्तचाप  और गुर्दे संबंधी विकार एवं हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है।

शोधकर्ताओं ने जीरो डाइमेंशन फंक्शनल नैनोस्ट्रक्चर के एक नए वर्ग में अद्वितीय भौतिक रासायनिक और सतह गुणों के साथ कम फॉस्फोरिन क्वांटम डॉट्स से बने इस उपकरण का निर्माण किया। क्वांटम डॉट्स बायोमेडिकल अनुप्रयोगों में विशिष्ट विद्युत प्रदर्शन दिखाते हैं और इसलिए इसका उपयोग उच्च- प्रदर्शन वाले विद्युत बायोसेंसर बनाने में किया जा सकता है।

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