जातर देउल (Jatar Deul)

जातर देउल (Jatar Deul) पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में 11वीं शताब्दी का प्राचीन टेराकोटा शिव मंदिर है, जो सहस्राब्दियों से समय की मार से बचा हुआ है। लेकिन अब यह एक बहुत ही आधुनिक खतरे का सामना कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, विशेष रूप से हवा की लवणता में वृद्धि, धीरे-धीरे जातर देउल की बाहरी दीवार को नष्ट कर रही है। यह मंदिर दक्षिण 24 परगना में रैदिघी में स्थित है, जो समुद्र से केवल कुछ किलोमीटर दूर है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की इस साल के अंत में मंदिर में जीर्णोद्धार और संरक्षण कार्य करने की योजना है।

ASI के मुताबिक वह क्षतिग्रस्त ईंटों को हटाने जा रहा है और उनके स्थान पर समान आकार की नई ईंटें लगाने जा रहे हैं।

हालांकि मंदिर 98 फीट ऊंचा है, बाहरी दीवार पर 15 फीट की ऊंचाई तक ईंटों में विशेष रूप से क्षरण देखा गया है। बता दें कि ओडिशा में कलिंग शैली के मंदिर स्थापत्य देउल शैली में निर्मित हैं। यह वास्तव में शिखर युक्त मंदिर संरचना है।

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