CCR5 जीन म्युटेशन

“जिनेवा रोगी” के रूप में जाना जाने वाला एक व्यक्ति स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद HIV से ठीक होने वाला दुनिया का छठा व्यक्ति बन गया है। वैसे जिनेवा रोगी का मामला पूर्व के पांच रोगियों से यूनिक है।  

वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें ऐसे डोनर से स्टेम सेल मिलीं हैं जिनमें CCR5  जीन म्युटेशन नहीं है। गौरतलब है कि CCR5 म्युटेशन  HIV को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकता है।  

HIV से पहले ठीक हुए अन्य मरीजों के नाम हैं; बर्लिन, लंदन, डसेलडोर्फ, न्यूयॉर्क और कैलिफ़ोर्निया। इन सबको  CCR5 म्युटेशन  वाले डोनर की स्टेम सेल प्रत्यारोपित की गयी थी।

2018 में, जिनेवा के मरीज को ल्यूकेमिया के विशेष रूप से आक्रामक रूप से लड़ने के लिए स्टेम सेल प्रत्यारोपण प्राप्त हुआ। इस तथ्य के बावजूद कि स्टेम सेल  प्रत्यारोपण CCR5 जीन वाले किसी व्यक्ति से नहीं हुआ था, जिनेवा रोगी तब भी HIV से ठीक हो गया था।

एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी बंद करने के बाद भी उसके खून में वायरस का पता नहीं चल सका। बता दें कि एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी से रक्त में HIV की मात्रा कम हो जाती है।

CCR5 श्वेत रक्त कोशिकाओं की सतह पर एक प्रोटीन है। CCR5 7-ट्रांसमेम्ब्रेन (जी प्रोटीन-युग्मित) रिसेप्टर परिवार का सदस्य है। 1996 में इस खोज के बाद से कि यह HIV-1 के लिए एक को-रिसेप्टर है, इस पर प्रमुख ध्यान दिया गया है।

CCR5 मुख्य रूप से T कोशिकाओं पर एक्सप्रेस होता है।

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