बायोचार (Biochar) क्या होता है?

इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) ने एक मॉडलिंग अध्ययन प्रकाशित किया है जिसमें पता चला है कि कैसे उर्वरक, बायोचार (Biochar) और सिंचाई का सही संयोजन मृदा के कार्बन को 300 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद कर सकता है।  

बायोचार चारकोल जैसा पदार्थ है जो पायरोलिसिस (pyrolysis) नामक नियंत्रित प्रक्रिया में कृषि और वानिकी अपशिष्ट से आर्गेनिक पदार्थ (बायोमास) को जलाता है।

हालांकि यह सामान्य चारकोल की तरह दिखता है, लेकिन बायोचार  सुरक्षित रूप से कंटेमिनेशन और संग्रहीत कार्बन को कम करता है।

एक उत्पाद के रूप में, बायोचार चारकोल से भिन्न होता है। हायर प्रोसेस तापमान के कारण, बायोमास की रासायनिक संरचना में परिवर्तन होता है और कार्बन के संबंध में बायोचार में हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की कंटेंट काफी कम हो जाती है।

चारकोल के विपरीत, बायोचार भी फाइटोटॉक्सिक नहीं है। यह एक कार्बन-समृद्ध और पोरस (छिद्रिल) सामग्री है जिसका उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जिनमें से मृदा में सुधार, ट्रीटमेंट और प्रदूषण नियंत्रण शामिल  हैं।  

बायोचार का उपयोग मुख्य रूप से कृषि में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, पौधों की वृद्धि में सुधार और फसल पोषण प्रदान करने के लिए किया जाता है। नतीजतन, यह समग्र कृषि उत्पादकता में सुधार करता है। पशु आहार के रूप में पशुपालन में भी इसने काफी ध्यान आकर्षित किया है।

बायोचार पौधों और फसल के उपयोग के लिए पोषक तत्वों और कृषि रसायनों की मृदा की  धारण क्षमता को बढ़ाकर पानी की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करता है।

भूजल में रिसने और प्रदूषण फैलाने के बजाय अधिक पोषक तत्व मृदा  में बने रहते हैं। बायोचार में मौजूद कार्बन, डिग्रडेशन का प्रतिरोध करता है और सैकड़ों से हजारों वर्षों तक मृदा  में कार्बन को धारण कर सकता है।

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