इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (inverted duty structure)
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की समस्या को निपटाने का आग्रह किया है।
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (inverted duty structure) किसी वस्तु के इनपुट (कच्चे माल) पर आयात शुल्क उसी इनपुट के फिनिश्ड प्रोडक्ट्स पर लगाए गए शुल्क से अधिक होता है।
इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर आर्थिक रूप से एफिसिएंट नहीं है, यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप नहीं है। तैयार उत्पादों के बजाय उसके कच्चे माल पर तुलनात्मक रूप से उच्च आयात शुल्क होने की वजह से ऐसी फिनिश्ड वस्तुओं के आयात बढ़ जाते हैं क्योंकि कस्टमर सस्ती वस्तुओं के प्रति आकर्षित होते हैं।
भारत द्वारा अपने साझेदार देशों के साथ हस्ताक्षरित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के कारण इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की स्थिति उत्पन्न होती है। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के परिणामस्वरूप निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में कमी आती है।
मुक्त व्यापार समझौते की वजह से आम तौर पर देश आपस में शुल्क को समाप्त कर देते हैं या कम कर देते हैं, लेकिन निर्यात की जाने वाली वस्तु सस्ती नहीं होने पर यह प्रतिस्पर्धी नहीं होती है। इस वजह से फ्री ट्रेड होने के बाद भी स्वतः निर्यात में वृद्धि नहीं होती है।