अल्पाइड बेल्ट (Alpide Belt)

तुर्की में भूकंप के बाद किलर अल्पाइड बेल्ट (Alpide Belt) एक बार फिर से चर्चा में है।  अतीत में यह बेल्ट कई घातक भूकंपों की चपेट में आ चुका है। तुर्की अल्पाइड बेल्ट के रूप में जानी जाने वाली भूकंपीय गतिविधि के केंद्र में स्थित है।

  • पैसिफिक रिंग ऑफ फायर के बाद भूकंपीय गतिविधि के लिए यह पृथ्वी पर दूसरा सबसे सक्रिय क्षेत्र है।
  • अल्पाइड बेल्ट 15,000 किमी से अधिक तक फैली हुई है, जो मोटे तौर पर यूरेशियन और अफ्रीकी टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा का अनुसरण करती है। यह पूर्व में हिमालय से भूमध्यसागरीय क्षेत्र के माध्यम से और अटलांटिक महासागर में अज़ोरेस तक फैली हुई है।
  • टेक्टोनिक प्लेटें पृथ्वी के क्रस्ट के निर्माण हैं जो धीरे-धीरे गति करती हैं और अक्सर एक दूसरे के बीच दबाव और घर्षण पैदा करती हैं।
  • अल्पाइड बेल्ट भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की हाई फ्रीक्वेंसी का अनुभव करती है। ऐसा मुख्य रूप से यूरेशियन और अफ्रीकी टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने के कारण है। टकराने से धीमी गति से बनने वाला दबाव अंततः भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के माध्यम से मुक्त हो जाता है।
  • अल्पाइड बेल्ट दुनिया के अब तक के बड़े भूकंपों के लगभग 17% के लिए उत्तरदायी रहा है। इन भूकंपों में कुछ सबसे विनाशकारी भूकंप शामिल हैं जैसे कि ईरान का भूकंप जिसने अगस्त 1968 में 11,000 लोगों की जान ले ली थी।
  • बता दें कि अल्पाइड बेल्ट में कई पर्वत श्रृंखलाएं प्राप्त होती हैं, जिनमें हिमालय और आल्प्स सबसे महत्वपूर्ण हैं। सक्रिय टेक्टोनिक प्लेट घर्षण के कारण हिमालयी क्षेत्र तीव्र और हाई फ्रीक्वेंसी वाले भूकंपों के प्रति संवेदनशील है।
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