प्रॉमिसरी एस्टॉपेल के सिद्धांत (Doctrine of Promissory Estoppel)

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल को सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को सही ठहराने वाले  दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।

कुछ याचिकाकर्ताओं में ऐसे उम्मीदवार भी शामिल थे जिन्हें सेना और वायु सेना की पिछली भर्ती प्रक्रिया में शॉर्टलिस्ट किया गया था। सुनवाई के दौरान, एक याचिकाकर्ता के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि उसके क्लाइंट का नाम वायु सेना में भर्ती के लिए अस्थायी सूची में शामिल था, लेकिन अग्निपथ योजना को अधिसूचित किए जाने पर भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी।

उन्होंने तर्क दिया कि सरकार को प्रॉमिसरी एस्टॉपेल के सिद्धांत (Doctrine of Promissory Estoppel) का पालन करते हुए पुरानी प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को ख़ारिज कर दिया।  

बता दें कि प्रॉमिसरी एस्टॉपेल संविदात्मक कानूनों में (contractual laws) विकसित एक अवधारणा है। इसके तहत एक वैध अनुबंध के लिए पर्याप्त विचार के साथ एक समझौते की आवश्यकता होती है।

प्रॉमिसरी एस्टॉपेल के सिद्धांत के तहत कॉन्ट्रैक्ट में शामिल पक्षकार को इस आधार पर किसी समझौते से पीछे हटने से रोका जाता है क्योंकि इसकी कोई गुंजाइश नहीं होती है।

error: Content is protected !!