स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम (SMNP)
स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम (Smart Meter National Programme: SMNP) 250 मिलियन पारंपरिक बिजली मीटरों को स्मार्ट इंटरनेट ऑफ थिंग्स सक्षम मीटरों से बदल रहा है।
- मीटर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये कनेक्टेड हैं और रियल टाइम में बिजली की खपत की जानकारी रिले कर सकते हैं। लेकिन यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी भी है।
- ऐसे लाखों कनेक्टेड डिवाइस हैकिंग की चपेट में हैं और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। ऐसे उपकरणों से उत्पन्न डेटा भी संवेदनशील होता है और उसे संरक्षित करना होता है।
- कुछ रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार डेटा चोरी के संदेह पर चीन निर्मित स्मार्ट मीटरों के आयात में कटौती कर रही है।
स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम: प्रमुख विशेषताएं
- स्मार्ट मीटर एक वेब-आधारित निगरानी प्रणाली के माध्यम से कनेक्टेड हैं जो यूटिलिटीज के वाणिज्यिक नुकसान को कम करने, राजस्व बढ़ाने और बिजली क्षेत्र के सुधारों में एक महत्वपूर्ण इंस्ट्रूमेंट के रूप में काम करने में मदद करेंगे।
- SMNP कार्यक्रम को एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- स्मार्ट मीटर लगाने के लिए व्यवसाय मॉडल राजस्व संग्रह की वर्तमान मैनुअल प्रणाली को नया रूप दे रहा है, जिससे कम बिलिंग और राजस्व संग्रह अक्षमता से निपटने में मदद मिलेगी।
- यह कार्यक्रम BOOT (build, own, operate, transfer) मॉडल के तहत कॉस्ट प्लस एप्रोच पर लागू किया जा रहा है, जिसका अर्थ है कि सभी कैपेक्स/ओपेक्स यानी खर्च EESL द्वारा किए जाते हैं और राज्यों/यूटिलिटियों को अग्रिम निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती है।