Kongthong village: भारत का एकमात्र व्हिसलिंग गांव
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके निवास पर भारत के एकमात्र व्हिसलिंग गांव -मेघालय के कॉन्गथॉन्ग गांव (Kongthong village) पर अपनी विकास रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सांसद, हालांकि पूर्वोत्तर क्षेत्र से नहीं आते हैं, लेकिन उन्होंने इस गांव में और सीटी की धुन पर बच्चों का नामकरण करने की इसकी मरणासन्न परंपरा में गहरी दिलचस्पी ली और 2019 में कॉन्गथॉन्ग को अपना लिया।
कॉन्गथॉन्ग मेघालय में पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित है और ‘व्हिसलिंग गांव’ (India’s only whistling village) के रूप में लोकप्रिय है।
‘जिंगरवाई लावबेई‘ (Jingrwai Lawbei) की अपनी अनूठी परंपरा के कारण जिसके तहत माताएं अपने नवजात शिशुओं के लिए एक धुन तैयार करती हैं। इन धुनों को अक्सर बच्चे के नाम के रूप में प्रयोग किया जाता है। कॉन्गथॉन्ग लोग सेंग खासी जनजाति के हैं और खासी भाषा बोलते हैं।