वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC)
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की घोषणा के बाद पहली बार 8 मई को वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की 27वीं बैठक की अध्यक्षता की।
परिषद की बैठक के दौरान, इस बात पर चर्चा की गई कि वित्तीय क्षेत्र को और विकसित करने के लिए आवश्यक नीति और विधायी सुधार उपायों को तैयार किया जा सकता है और न केवल लोगों की वित्तीय पहुंच बढ़ाने के लिए, बल्कि उनकी समग्र आर्थिक भलाई में भी वृद्धि की जा सकती है।
गौरतलब है कि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने, विनियामक संस्थाओं के बीच समन्वय को बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए तंत्र को मजबूत और संस्थागत बनाने की दृष्टि से, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की स्थापना सरकार द्वारा दिसंबर 2010 में शीर्ष स्तर के मंच के रूप में की गई थी।
इस परिषद के अध्यक्ष वित्त मंत्री होते हैं और इसके सदस्यों में वित्तीय क्षेत्र की विनियामक संस्थाओं (RBI, SEBI, PFRDA, IRDA और FMC) के प्रमुख; वित्त सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव और प्रमुख आर्थिक सलाहकार शामिल हैं। यह परिषद आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों को अपनी बैठक में आमंत्रित कर सकती है। Ans (a)