बार्नेस-बारस्टार (Barnase-barstar) तकनीक

बार्नेस-बारस्टार (Barnase-Barstar) ट्रांसजीन आधारित हाइब्रिड बीज उत्पादन तकनीक है।  दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने हाइब्रिड सरसों DMH-11 बनाने के लिए बार्नेस-बारस्टार (barnase-barstar) जीएम तकनीक का इस्तेमाल किया है।

इस प्रणाली का उपयोग पूर्वी यूरोपीय ‘अर्ली हीरा-2’ म्यूटेंट (बारस्टार) के साथ एक लोकप्रिय भारतीय सरसों की किस्म ‘वरुण’ ( बार्नेस लाइन) को क्रॉस करके DMH-11 विकसित करने के लिए किया गया है। बार्नेस (“बैक्टीरिया” “राइबोन्यूक्लियस” का एक पोर्टमैंट्यू) एक जीवाणु प्रोटीन है जिसमें 110 अमीनो एसिड होते हैं और इसमें राइबोन्यूक्लीज गतिविधि होती है।

यह जीवाणु बैसिलस एमाइलोलिफेशियन्स द्वारा संश्लेषित और स्रावित होता है, लेकिन जब इसके अवरोधक बारस्टार के बिना एक्सप्रेस किया जाता है तो यह कोशिका के लिए घातक होता है।

अवरोधक राइबोन्यूक्लियस  सक्रिय साइट को बांधता है और बंद कर देता है, बार्नेस को संश्लेषित होने के बाद सेल के आरएनए को नुकसान पहुंचाने से रोकता है, लेकिन इसे स्रावित होने से पहले।

बार्नेज/बारस्टार कॉम्प्लेक्स अपने असाधारण रूप से सख्त प्रोटीन-प्रोटीन बाइंडिंग के लिए जाना जाता है। सरसों जैसी स्व-परागण फसलों की हाइब्रिड किस्म विकसित करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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