मोयार घाटी (Moyar valley)
मोयार घाटी (Moyar valley) में हाल ही में संपन्न सिंक्रोनाइज्ड गिद्ध सर्वेक्षण 2024 में गिद्दों पहले के आंकड़ों के मुकाबले पक्षियों की संख्या में वृद्धि का संकेत देता है।
मोयार घाटी मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से होते हुए गुडलुर तक फैली हुई है। लगभग 85 किमी का यह पूरा क्षेत्र एक वन्यजीव आश्रय स्थल और नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व में महत्वपूर्ण बायोम है, जो बाघ और हाथी और क्रिटिकली एंडेजर्ड जिप्स गिद्ध जैसी कई महत्वपूर्ण प्रजातियों को आश्रय देता है।
यह प्रायद्वीपीय भारत का एकमात्र क्षेत्र है जहां जंगली जिप्स गिद्धों की सबसे बड़ी घोंसले वाली कॉलोनी स्थित है।
मोयार घाटी के बाहरी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के अनुसार, यह क्षेत्र सदियों से 1990 के दशक की शुरुआत तक मवेशियों के बाड़े (स्थानीय भाषा में ‘पट्टी’) के अस्तित्व के कारण गिद्धों का पसंदीदा स्थल बना हुआ है।