चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य

लद्दाख में चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य (Changthang Wildlife Sanctuary) कई मायनों में आकर्षक है। लगभग 1,600 वर्ग किमी के विशाल क्षेत्र में फैला, इस अभयारण्य में वनस्पतियों और जीवों की एक अविश्वसनीय विविधता पाई जाती है।

इसे चांगथांग शीत मरुस्थल वन्य जीव अभयारण्य (Changthang Cold Desert Wildlife Sanctuary) के नाम से भी जाना जाता है।

चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य लेह जिले के लद्दाखी चांगथांग पठार में स्थित है।

यह लगभग 1,600 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करता है और यहां अधिक ऊंचाई पर झीलें पायी जाती हैं जिनमें त्सो मोरीरी, पैंगोंग त्सो और त्सो कार प्रमुख हैं।

चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य में कोरज़ोक (Korzok village) गांव है, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा गांव भी माना जाता है।

कोरज़ोक गाँव के आकर्षणों में से एक कोरज़ोक मठ है।

हिम तेंदुआ इस वन्यजीव अभयारण्य का प्रमुख आकर्षण है। तिब्बती भेड़िये, तिब्बती अर्गली (Tibetan argali), जंगली याक, तिब्बती चिकारे और तिब्बती मृग जैसे दुर्लभ और संकटापन्न जानवर भी इस विशाल ठंडे रेगिस्तानी लैंडस्केप में रहते हैं।

संकटापन्न काली गर्दन वाली क्रेन पूर्वोत्तर भारत में अपने शीतकालीन पर्यावास के लिए उड़ान भरने से पहले यहां के दलदल में प्रजनन करती हैं।

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