गीगाफैक्ट्री क्या है?
दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी ने 7 सितंबर को कहा कि उनका समूह हरित ऊर्जा और संबंधित व्यवसायों में $ 70 बिलियन का निवेश करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत तीन गीगाफैक्ट्री स्थापित करेगा।
अडानी समूह 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा (क्लीन एनर्जी) में अपने 70 अरब डॉलर के निवेश के हिस्से के रूप में सौर मॉड्यूल, पवन टरबाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र बनाने के लिए तीन गीगा कारखानों (giga factories) का निर्माण करेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स को ऊर्जा देने के लिए नई गीगा फैक्ट्री 2021 में घोषित चार गीगा कारखानों के अतिरिक्त होगी।
गीगाफैक्ट्री में एकीकृत सौर पीवी मॉड्यूल बनाया जायेगा जो सूर्य के प्रकाश से बिजली का उत्पादन करेगा, इलेक्ट्रोलाइज़र (electrolyzers) बनाया जायेगा जो पानी से हाइड्रोजन का उत्पादन करते हैं, ग्रिड से ऊर्जा को स्टोर करने के लिए ईंधन सेल (fuel cells) और बैटरी बनाया जायेगा।
बता दें कि ‘गीगाफैक्ट्री’ शब्द का प्रयोग टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने किया था। उन्होंने वर्ष 2013 में अमेरिका के नेवादा में प्रस्तावित लिथियम-आयन बैटरी निर्माण केंद्र को ‘गीगाफैक्ट्री’ नाम दिया था ।
टेस्ला का दावा है कि फैक्ट्री का नाम ‘गीगा’ शब्द से पड़ा है जो ‘बिलियन’ का प्रतिनिधित्व करता है।
हालाँकि, अब गीगाफैक्ट्री केवल लिथियम-आयन बैटरी सेल निर्माण तक सीमित नहीं है। हालांकि लिथियम-आयन बैटरी सेल निर्माण ऐसे कारखानों का प्राथमिक कार्य हो सकता है, लेकिन वे एंड-टू-एंड अक्षय ऊर्जा सोल्यूशन्स भी प्रदान करते हैं।
गीगाफैक्टरीज को अक्षय ऊर्जा भंडारण के लिए मुख्य केंद्र के रूप में भी डिजाइन किया गया है।