क्या होती है कोल्ड टर्की मौद्रिक नीति?
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया। आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार ब्याज दरों को बढ़ाने के लिए ‘कोल्ड टर्की’ दृष्टिकोण अपनाने से बचने के लिए ऐसा किया गया।
- कोल्ड टर्की’ दृष्टिकोण (cold turkey approach) का अर्थ है मौद्रिक नीतिगत दरों में अचानक ऊपर की ओर बदलाव यानी ब्याज दरों में अचानक बड़ी बढ़ोतरी।
- यह नीति में तत्काल परिवर्तन का सूचक है।
- कोल्ड टर्की की रणनीति मार्किट में मुद्रा आपूर्ति वृद्धि की दर को कम रखकर दबाव बनाए रखती है।
- इसकी वजह से मुद्रास्फीति की दर इतनी तेजी से नीचे गिरती है कि उत्पादन और रोजगार बढ़ने लगते हैं। और फिर अर्थव्यवस्था पूर्ण रोजगार और निम्न मुद्रास्फीति स्थिति में वापस आ जाती है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में, “कोल्ड टर्की” तंबाकू, शराब या नशीली दवाओं को छोड़ने का एक त्वरित समाधान है। सब्सटांस को धीरे-धीरे कम करने के बजाय, आप इसे तुरंत लेना बंद कर देते हैं।
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