क्या होता है काउंटरट्रेड (Countertrade)?

काउंटरट्रेड (Countertrade) अंतरराष्ट्रीय व्यापार का एक पारस्परिक रूप है जिसमें वस्तुओं या सेवाओं का आदान-प्रदान करेंसी में करने के बजाय अन्य वस्तुओं या सेवाओं में भुगतान के माध्यम से किया जाता है।

  • सीमित विदेशी मुद्रा या विदेशी ऋण संकट का सामना करने वाले विकासशील देशों में इस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अधिक आम है।
  • काउंटरट्रेड (i) सुरक्षात्मक व्यापार नीतियों जैसे आर्थिक प्रतिबंधों, करेंसी प्रतिबंधों, गैर-टैरिफ बाधाओं आदि से उत्पन्न जोखिमों को कम करने और विदेशी मुद्रा के बाहर जाने से जुड़ी चुनौतियों से निपटने का एक प्रभावी तरीका प्रस्तुत करता है।
  • काउंटरट्रेड मूल रूप से एक वस्तु विनिमय (बार्टर सिस्टम) या अर्ध वस्तु विनिमय व्यवस्था है जो स्पष्ट रूप से आयात और निर्यात लेनदेन को जोड़ता है।
  • करेंसी या सीमा पार भुगतान चुनौतियों का सामना करने वाले देशों के लिए काउंटरट्रेड अंतरराष्ट्रीय लेनदेन का एक महत्वपूर्ण तरीका बनकर उभरा है। जैसे अभी रूस पर आर्थिक प्रतिबन्ध के पश्चात काउंटर ट्रेड के माध्यम से द्विपक्षीय लेन-देन पर विचार किया जा रहा है। भारत ने पूर्व में कई प्रकार की काउंटरट्रेड व्यवस्थाओं के तहत व्यापार किये हैं।

काउंटरट्रेड के उदाहरण

  • काउंटरट्रेड के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं; ‘खाद्य के लिए तेल’ (oil for food’ programme) कार्यक्रम के तहत इराक के साथ एक वस्तु विनिमय व्यापार समझौता किया गया था, जिसमें इराक एक निश्चित मूल्य पर भारत को तेल की एक निश्चित मात्रा देने के लिए सहमत हुआ था। इसके बदले में भारत ने चावल और गेहूं का निर्यात किया था।
  • मलेशिया के साथ एक काउंटर खरीद समझौता किया गया था जिसमें मलेशिया में इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा एक रेल निर्माण परियोजना शुरू की गई थी, जिसके लिए मलेशियाई सरकार ने भारत को बराबर मूल्य के पाम आयल की आपूर्ति के माध्यम से इरकॉन को भुगतान किया था।
  • तत्कालीन सोवियत संघ के साथ एक बायबैक व्यवस्था की गयी जिसमें भारत के नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनटीसी) ने 200 परिष्कृत करघे खरीदे, बदले में सोवियत संघ ने करघे से उत्पादित 75 प्रतिशत कपड़ा खरीदने के लिए बायबैक प्रतिबद्धता पर समझौता किया।
  • वियतनाम के साथ एक ऋण-के बदले वस्तुओं की खरीद (debt-for-goods arrangement) समझौता पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें इंडिया एक्ज़िम बैंक ने वियतनाम को एक वाणिज्यिक लाइन ऑफ़ क्रेडिट प्रदान किया और बदले में, भारतीय खाद्य निगम ने वियतनाम से चावल का आयात किया और आयात के लिए आईडीबीआई/इंडिया एक्ज़िम बैंक को भुगतान किया।
  • ईरान के साथ एक समाशोधन व्यवस्था (clearing arrangement) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें 2012 में भारत और ईरान के बीच एक रुपया भुगतान तंत्र स्थापित किया गया था, जिसके तहत भारत द्वारा आयात के लिए भुगतान से संचित रुपये का उपयोग ईरान को उत्पादों, परियोजनाओं और सेवाओं के निर्यात के भुगतान के लिए किया गया था।

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