क्या है वेट-बल्ब टेम्परेचर (wet-bulb temperature)?
आईपीसीसी छठी आकलन रिपोर्ट का दूसरा भाग ”आद्र-बल्ब तापमान” (wet-bulb temperature) को संदर्भित करता है। यह एक ऐसा उपाय है जो गर्मी और आर्द्रता को जोड़ता है।
- “वेट-बल्ब टेम्परेचर वह न्यूनतम तापमान है, जिस पर निरंतर दबाव में पानी के हवा में वाष्पीकरण द्वारा हवा को ठंडा किया जा सकता है। इसलिए इसे थर्मामीटर के बल्ब के चारों ओर एक गीली बाती लपेटकर मापा जाता है और मापा गया तापमान वेट-बल्ब टेम्परेचर से मेल खाता है।
- 31 डिग्री सेल्सियस का “वेट-बल्ब टेम्परेचर” मनुष्यों के लिए अत्यंत खतरनाक है, जबकि 35 डिग्री के “वेट-बल्ब टेम्परेचर” मान में एक स्वस्थ एवं फिट वयस्क भी लगभग छह घंटे से अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता।
- IPCC के अनुसार, वर्तमान में, भारत में वेट-बल्ब टेम्परेचर शायद ही कभी 31 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है, जबकि देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम वेट-बल्ब तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस होता है।
- रिपोर्ट के अनुसार यदि उत्सर्जन में कटौती की जाती है, लेकिन केवल वर्तमान में संकल्प किए गए स्तरों के अनुसार, उत्तरी और तटीय भारत के कई हिस्से सदी के अंत में 31 डिग्री सेल्सियस से अधिक के बेहद खतरनाक “वेट-बल्ब टेम्परेचर तक पहुंच जाएंगे।