क्या है ‘भंडारण लाभ’ (storage gain)?
केंद्र सरकार द्वारा इस सीजन में गेहूं की खरीद के लिए उचित और औसत गुणवत्ता (Fair and Average Quality: FAQ) मानदंडों में ढील दिए जाने के बाद, पंजाब की राज्य खरीद एजेंसियां (SPA अब ‘भंडारण लाभ’ (storage gain) में छूट की मांग कर रही हैं।
- अगर अनुमति दी जाती है, तो मौजूदा सीजन के लिए वास्तविक रूप से छूट लगभग 150 करोड़ रुपये होगी। उनका तर्क है कि इस साल खरीदा गया अनाज सिकुड़ा और टूटा हुआ दोनों है और इसलिए ज्यादा वजन नहीं बढ़ेगा।
- गेहूं, जिसे ‘जीवित अनाज’ (living grain) माना जाता है, भंडारण के दौरान कुछ वजन हासिल कर लेता है। इसे ‘भंडारण लाभ’ (storage gain) के रूप में जाना जाता है और यह ज्यादातर नमी के अवशोषण के कारण होता है।
- अनाज के तीन भाग होते हैं – चोकर/bran (फाइबर से भरपूर बाहरी परत), जर्म (पोषक तत्वों से भरपूर आंतरिक परत) और एंडोस्पर्म (खनिज और विटामिन युक्त कर्नेल का भंडार)।
- नमी ज्यादातर एंडोस्पर्म द्वारा अवशोषित की जाती है।
- राज्य खरीद एजेंसियों, जो अपने भंडार केंद्रों पर गेहूं की खरीद और भंडारण करती हैं, को भंडारण लाभ की भरपाई के लिए अनाज खरीद के लिए केंद्र की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) को प्रति क्विंटल एक किलो गेहूं अतिरिक्त देना आवश्यक है।
- जबकि FCI और SPA द्वारा खरीदे गए 20% गेहूं को खरीद के तुरंत बाद स्थानांतरित कर दिया जाता है, आमतौर पर शेष 80% अनाज हर साल 1 जुलाई के बाद बाहर ले जाया जाता है, और इसी भंडारण अवधि के लिए भंडारण लाभ का हिसाब देना पड़ता है।
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