क्या है फ्रंट-रनिंग (Front-running) ?

फ्रंट-रनिंग (Front-running), जो भारत में गैर-कानूनी है, में एक अपेक्षित बड़े लेनदेन के बारे में अग्रिम गैर-सार्वजनिक जानकारी के आधार पर किसी कम्पनी का शेयर खरीदना शामिल है जो शेयर की कीमत को प्रभावित करेगा।

  • जब म्यूचुअल फंड किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो उसके प्राइस में जाहिर तौर पर उछाल देखा जाता है क्योंकि ये फण्ड बड़ी संख्या में शेयर खरीदते हैं।
  • कुछ फंड मैनेजर म्यूचुअल फंड के ऑर्डर प्लेस करने से पहले अपने व्यक्तिगत खातों में वही शेयर खरीदते हैं। चूंकि उन्हें पहले ही जानकारी प्राप्त हो जाती है कि इसमें बड़ी खरीदारी होने से इसके प्राइस में बड़ा उछाल आएगा।
  • भारतीय प्रतिभूति विनियामक SEBI ने फ्रंट रनिंग को शेयर बाजार में हेरफेर और इनसाइडर ट्रेडिंग के रूप में वर्गीकृत किया है क्योंकि एक व्यक्ति जो फ्रंट रनिंग गतिविधि करता है, वह किसी जानकारी के सार्वजानिक होने से पहले शेयर प्राइस के मूल्य में मूवमेंट होने के बारे में जान रहा होता है।
  • SEBI ने पहले भी कई फंड हाउस और फंड मैनेजरों को फ्रंट-रनिंग के लिए दोषी पाया और दंडित किया है।

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