क्या है एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA)?

एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA: Application Supported by Blocked Amount) किसी शेयर के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होने से पहले पब्लिक इशू (जैसे IPO) में आवेदन के लिए भुगतान का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करता है।

अप्लाई करने के बाद आवेदन राशि निवेशक के खाते में तब तक रहती है जब तक कि उसके नाम से शेयर आवंटित नहीं हो जाये।

ASBA प्रक्रिया निवेशकों को स्व-प्रमाणित सिंडिकेट बैंकों (Self Certified Syndicate Banks: SCSBs) के माध्यम से आवेदन करने के लिए कई विकल्पों के साथ बोली लगाने की सुविधा प्रदान करती है, जिसमें निवेशकों के बैंक खाते हैं।

SCSB वे बैंक हैं जो सेबी द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करते हैं।

SCSB आवेदनों को स्वीकार करते हैं आवेदन को सत्यापित करते हैं, बोली भुगतान राशि की सीमा तक फंड को ब्लॉक करते हैं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वेब आधारित बोली प्रणाली में विवरण अपलोड करते हैं, आवंटन के आधार को अंतिम रूप देने के बाद अनब्लॉक करते हैं और आवंटित शेयरों के लिए राशि को हस्तांतरित करते हैं।

सेबी के अनुसार सभी को अनिवार्य रूप से 1 जनवरी, 2016 से जारी होने वाली पब्लिक इशू में अप्लाई करने के लिए ASBA का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है।

यदि कोई निवेशक ASBA के माध्यम से आवेदन कर रहा है, तो उसके आवेदन का पैसा बैंक खाते से तभी डेबिट किया जाएगा, जब उसकानाम शेयर आवंटन के लिए चुना जाता है, या IPO वापस ले लिया जाता है / विफल हो जाता है।

ASBA के तहत, खाते में ब्लॉक्ड राशि, आवेदन प्रक्रिया अवधि के दौरान ब्याज अर्जित करना जारी रखता है, यदि ब्याज वाले खाते में फण्ड रखा जाता है।

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