इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) के परिव्यय को बढ़ाया गया
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की स्थापना के लिए परियोजना परिव्यय को 1,435 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,255 करोड़ रुपये करने की स्वीकृति दे दी है।
- मंत्रिमंडल ने नियामक आवश्यकताओं और तकनीकी उन्नयन को पूरा करने के लिए 500 करोड़ रुपये के भविष्यगत कोष के लिए भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी है।
- इस परियोजना का उद्देश्य आम आदमी के लिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक की स्थापना; बैंकिंग की सुविधा से वंचित लोगों के लिए बाधाओं को दूर करके और घरों तक बैंकिंग की सुविधा के जरिए बैंकिंग की अपेक्षाकृत कम सुविधा पाने वाले लोगों के लिए अवसर संबंधी लागत को कम करके वित्तीय समावेशन के एजेंडे को आगे बढ़ाना है।
- यह परियोजना भारत सरकार के “कम नकदी” वाली अर्थव्यवस्था से संबंधित दृष्टिकोण के पूरक है और साथ ही आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन दोनों को बढ़ावा देती है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के बारे में
- इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक का 1 सितंबर, 2018 को 650 शाखाओं/नियंत्रण कार्यालयों के साथ देश भर में एक साथ शुभारंभ किया गया था।
- आईपीपीबी ने 1.36 लाख डाकघरों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया और लगभग 1.89 लाख डाकियों व ग्रामीण डाक सेवकों को स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के साथ घरों तक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक बचत और चालू खातों, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, बिल और उपयोगिता भुगतान और उद्यम एवं वाणिज्यिक भुगतान जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। इसमें पैसा जमा किया जा सकता है और निकाला भी जा सकता है।
- डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट भी जारी की जाती है। यह वर्चुअल रुपे QR डेबिट कार्ड भी जारी करता है।
- इन सुविधाओं एवं इससे जुड़ी अन्य संबंधित सेवाओं को बैंक के अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए बहु-विकल्प माध्यमों (काउंटर सेवाएं, माइक्रो-एटीएम, मोबाइल बैंकिंग एप, एसएमएस और आईवीआर) के जरिए उपलब्ध कराया जाता है।
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