सर्वावैक-सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत में स्वदेशी रूप से विकसित पहली टीका
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीका- ‘सर्वावैक’ (CERVAVAC) की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्री ने इसके साथ क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (quadrivalent Human Papilloma Virus : qHPV) टीके के वैज्ञानिक रूप से पूरा होने की घोषणा की।
CERVAVAC बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ डीबीटी और बीआईआरएसी की साझेदारी का एक परिणाम है। यह सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अपने साझेदारी कार्यक्रम ‘ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया’ के जरिए क्वाड्रिवेलेंट वैक्सीन के स्वदेशी विकास के लिए समर्थित है।
सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer)
सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) भारत में दूसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है और बड़े पैमाने पर रोकथाम के योग्य होने के बावजूद यह विश्व में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग एक-चौथाई हिस्सा है।
मौजूदा अनुमानों से संकेत मिलते हैं कि हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पाया जाता है और इस रोग से भारत में 75 हजार से अधिक मृत्यु हो जाती है।
भारत में 83 फीसदी और पूरे विश्व में 70 फीसदी मामलों के लिए इनवेसिव (हमलावर) सर्वाइकल कैंसर एचपीवी 16 या 18 जिम्मेदार है।
सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए सबसे अधिक उम्मीद जगाने वाली पहल ह्यूमन पेपिलोमावायरस (human papillomavirus: HPV) के खिलाफ टीकाकरण है। यह अनुमान लगाया गया है कि पूरे विश्व में HPV 16 और 18 का सभी इनवेसिव सर्वाइकल कैंसर के मामलों में लगभग 70 फीसदी का योगदान है।