‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ के दिशानिर्देश जारी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ (Saksham Anganwadi and Poshan 2.0) के कार्यान्वयन के संबंध में परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस योजना को भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी है।
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 एक एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम है।
- यह पोषण सामग्री और वितरण में एक रणनीतिक बदलाव के माध्यम से बच्चों, किशोर लड़कियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना चाहता है और स्वास्थ्य, कल्याण और प्रतिरक्षा का पोषण करने वाली कार्य प्रणालियों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक सम्मिलित इको-सिस्टम बनाना चाहता है।
मौजूदा योजना घटकों को पोषण 2.0 के तहत नीचे दिए गए मुख्य कार्यक्षेत्रों में पुनर्गठित किया गया है:
- आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्रों (एनईआर) में 06 माह से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्लूएलएम) और 14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरियों के लिए पूरक पोषण कार्यक्रम (एसएनपी) के माध्यम से पोषण के लिए पोषण सहायता;
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा [3-6 वर्ष] और प्रारंभिक प्रोत्साहन (0-3 वर्ष);
- आधुनिक, उन्नत सक्षम आंगनवाड़ी सहित आंगनबाडी बुनियादी ढांचा; तथा
- पोषण अभियान
पोषण 2.0 मातृ पोषण, शिशु और छोटे बच्चे के आहार के मानदंड, गहन कुपोषण के लिए उपचार प्रोटोकॉल और आयुष कार्य प्रणालियों के माध्यम से सम्पूर्ण स्वास्थ्य और स्टंटिंग और एनीमिया के अलावा कम वजन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इसके अलावा केंद्रीकृत डेटा प्रणाली को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आरसीएच पोर्टल (अनमोल/ANMOL) से जोड़ा जा रहा है।
अंतिम छोर तक ट्रैकिंग और सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थियों को आधार से जोड़ा जाएगा। पोषण ट्रैकर मिशन पोषण 2.0 को डेटा बनाने, कार्यक्रम प्रबंधकों को फीडबैक प्रदान करने और पोषण संकेतकों पर योजना के प्रभाव का दस्तावेजीकरण करने में मदद करेगा।
पोषण 2.0 केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच लागत बंटवारे के अनुपात के आधार पर राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के माध्यम से लागू किया जा रहा एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है।
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। योजना के तहत लाभ माता के आधार कार्ड का उपयोग करके प्राप्त किया जा सकता है।