संविधान का संथाली लिपि “ओल चिकी” में अनुवाद किया गया
पहली बार भारत के संविधान का संथाली भाषा (Santali) में अनुवाद किया गया है। इसका अनुवाद प्रोफेसर श्रीपति टुडु ने संथाली भाषा की लिपि “ओल चिकी” (Ol Chiki script) में किया है।
- वर्ष 2003 में, 92वें संविधान संशोधन अधिनियम ने संथाली को बोडो, डोगरी और मैथिली भाषाओं के साथ भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया था।
- संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। सूचीबद्ध किये जाने का मतलब था कि भारत सरकार संथाली भाषा के विकास के लिए बाध्य है और स्कूल स्तर की परीक्षाओं और पब्लिक सर्विस की नौकरियों के लिए प्रवेश परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को भाषा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए बाध्य है।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, पूरे भारत में संथाली बोलने वाले 70 लाख से अधिक लोग हैं।
- संथाली समुदाय भारत में तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है, जो बड़ी संख्या में सात राज्यों में केंद्रित है, जिनमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड शामिल हैं।
- उनका भौगोलिक वितरण भारत तक सीमित नहीं है। यह समुदाय बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में प्राप्त हो जाते हैं ।
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