वनाग्नि भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन को कम कर सकती है
जंगल की आग/वनाग्नि (forest fires ), जो भारत के विभिन्न हिस्सों में खासतौर से गर्मी के मौसम में आफत बनकर आती है, भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन को कम करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है। यह बात एक अध्ययन में प्रकाश में आई है।
अध्ययन के निष्कर्ष
- आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (ARIES), नैनीताल और यूनान स्थित नेशनल ऑब्जर्वेटरी ऑफ एथेंस (एनओए) के शोधकर्ताओं का एक समूह ने सौर ऊर्जा उत्पादन को कम करने वाले कारकों का पता लगाने की कोशिश की।
- उन्होंने पाया कि बादलों और एरोसोल के अलावा, जंगल की आग सौर ऊर्जा उत्पादन को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- अध्ययन की अवधि (जनवरी से अप्रैल 2021) के दौरान एयरोसोल ऑप्टिकल डेप्थ वैल्यू 1.8 तक थी, जिस दौरान बड़े पैमाने पर जंगल की आग की घटनाओं के कारण एक क्षैतिज सतह (global horizontal irradiance- GHI) पर कुल सौर विकिरण की घटना में कमी आई और सूर्य से बिना बिखरे हुए (beam horizontal irradiance –BHI) 0 से 45 फीसदी तक सौर विकिरण प्राप्त हुई।
- इस अवधि के दौरान कुल एयरोसोल भार में धुएं के योगदान को कम करने के लिए वायु के द्रव्यमान को तेजी से नया बनाया गया और महाद्वीपीय प्रदूषण का प्रभुत्व था।
- वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के लिए रिमोट सेंसिंग डेटा का इस्तेमाल किया और व्यापक विश्लेषण और मॉडल सिमुलेशन के साथ भारतीय क्षेत्र में सौर ऊर्जा क्षमता पर एरोसोल और बादलों के प्रभाव का अध्ययन किया।
- उन्होंने बादलों और एरोसोल के कारण राजस्व और नुकसान के संदर्भ में एक विश्लेषणात्मक वित्तीय विश्लेषण भी प्रदान किया।
अन्य कारक
- बादल, एरोसोल और प्रदूषण जैसे कई अन्य कारक सौर किरणित ऊर्जा मान को सीमित करते हैं जिससे फोटोवोल्टिक और केंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्र प्रतिष्ठानों के प्रदर्शन समस्याएं पैदा होती हैं। सौर ऊर्जा प्रणाली के बड़े पैमाने पर विकास के लिए उचित योजना और सौर क्षमता का अनुमान लगाने की आवश्यकता होती है।
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