लद्दाख में सर्वाधिक लिंगानुपात दर्ज किया गया-CRS

हाल ही में, भारत के महापंजीयक (Registrar General of India) द्वारा वर्ष 2020 की नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System: CRS) रिपोर्ट पर आधारित महत्वपूर्ण सांख्यिकी पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई।

लिंगानुपात से संबंधित डेटा

  • वर्ष 2020 में भारत में जन्म के समय सबसे अधिक लिंगानुपात लद्दाख में दर्ज किया गया। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा और केरल का स्थान है।
  • पंजीकृत घटनाओं के आधार पर जन्म के समय उच्चतम लिंग अनुपात (SRB) लद्दाख (1,104) के बाद अरुणाचल प्रदेश (1,011), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (984), त्रिपुरा (974) और केरल (969) में दर्ज की गई है।
  • सबसे कम लिंगानुपात मणिपुर (880), उसके बाद दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (898), गुजरात (909), हरियाणा (916) और मध्य प्रदेश (921) में दर्ज किया गया।
  • जन्म के समय लिंगानुपात प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या है।

मृत्यु पंजीकरण

  • CRS के अनुसार, वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में मृत्यु पंजीकरण में 4.75 लाख की वृद्धि हुई है ।
  • वर्ष 2018 और 2019 में मृत्यु पंजीकरण में क्रमशः 4.87 लाख और 6.90 लाख की वृद्धि हुई थी।
  • पंजीकृत मौतों की संख्या 2019 में 76.4 लाख से बढ़कर 2020 में 81.2 लाख हो गई है।
  • कुल पंजीकृत मौतों में से, पुरुषों और महिलाओं की हिस्सेदारी 60.2 प्रतिशत और 39.8 प्रतिशत है।
  • बिहार में मृत्यु दर में सबसे अधिक 18.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
  • मणिपुर में मृत्यु दर में -25.4 प्रतिशत की कमी देखी गई।

जन्म दर

  • भारत में 73.7 प्रतिशत जन्म दर दर्ज की गयी।
  • पंजीकृत जन्मों की संख्या 2019 में 2.48 करोड़ से घटकर 2020 में 2.42 करोड़ हो गई है।
  • कुल पंजीकृत जन्मों में से पुरुषों और महिलाओं की हिस्सेदारी क्रमशः 52.0 प्रतिशत और 48.0 प्रतिशत है।
  • लक्षद्वीप ने जन्म दर में अधिकतम 14.3 प्रतिशत का परिवर्तन दर्ज किया।

नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System: CRS) के बारे में

  • नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) जन्म, मृत्यु और गर्भ में मृत्यु (स्टिलबर्थ) की एक सार्वभौमिक, निरंतर, अनिवार्य और स्थायी रिकॉर्डिंग है।
  • नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) का संचालन भारत के महापंजीयक (RGI) द्वारा किया जाता है।
  • केंद्र सरकार के स्तर पर रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) पूरे देश में पंजीकरण की गतिविधियों का समन्वय और एकीकरण करता है। हालाँकि, क़ानून का कार्यान्वयन राज्य सरकारों के पास निहित है।
  • यह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) से जुड़ा है, जिसमें पहले से ही 119 करोड़ निवासियों का डेटाबेस है।
  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारत के महापंजीयक को वर्ष के दौरान पंजीकृत जन्म और मृत्यु पर एक सांख्यिकीय रिपोर्ट प्रकाशित करना अनिवार्य है।
  • भारत के महापंजीयक को 1969 के अधिनियम की धारा 3(3) के तहत सभी राज्यों के जन्म और मृत्यु के मुख्य रजिस्ट्रार की गतिविधियों के समन्वय और एकीकरण के लिए कदम उठाने का अधिकार है।
  • जन्म का पंजीकरण प्रत्येक बच्चे का अधिकार है और उसकी कानूनी पहचान स्थापित करने की दिशा में पहला कदम है।
  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (1969 का अधिनियम संख्या 18) के तहत जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार को जन्म और मृत्यु की रिपोर्ट करना अनिवार्य है।
  • जन्म और मृत्यु का पंजीकरण केवल उनके घटित होने के स्थान पर ही किया जाता है।
  • देश में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है।
  • जन्म और मृत्यु के मामले में, नागरिक को घटना के बारे में 21 दिनों के भीतर अपने अधिकार क्षेत्र के रजिस्ट्रार को सूचित करना चाहिए।

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