रेजरपे, स्ट्राइप, पाइन लैब्स को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए RBI की मंजूरी

रेजरपे, पाइन लैब्स, स्ट्राइप और 1पे जैसे भुगतान प्रदाताओं (Payment providers) को पेमेंट एग्रीगेटर ( payment aggregator) लाइसेंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। पेमेंट एग्रीगेटर के लाइसेंस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी प्राप्त करने का मतलब है कि ये संस्थाएं अब मर्चेंट्स को पेमेंट सेवाएं प्रदान करने में सीधे केंद्रीय बैंक की निगरानी के दायरे में होंगी।

क्या हैं पेमेंट एग्रीगेटर (Payment providers) ?

पेमेंट एग्रीगेटर (Payment providers) ऐसी संस्थाएं हैं जो ई-कॉमर्स साइटों और मर्चेंट्स को अपने पेमेंट दायित्वों को पूरा करने के लिए ग्राहकों से विभिन्न पेमेंट इंस्टूमेंट्स को स्वीकार करने में सक्षम बनाती हैं।

अर्थात मर्चेंट्स को अपनी खुद की एक अलग पेमेंट इंटीग्रेशन सिस्टम बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे मर्चेंट्स को एक्वैरार से जुड़ने की अनुमति देते हैं। इस प्रक्रिया में, वे ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करते हैं, पूल करते हैं और एक समय अवधि के बाद उन्हें मर्चेंट्स को ट्रांसफर करते हैं।

मार्च 2020 में जारी दिशा-निर्देशों के एक नए सेट में, आरबीआई ने अनिवार्य किया था कि सभी पेमेंट एग्रीगेटर आरबीआई द्वारा अधिकृत होंगे। इसके लिए आरबीआई ने पेमेंट एग्रीगेटर सेवाओं की पेशकश करने वाली गैर-बैंक कंपनियों को 30 जून, 2021 तक प्राधिकरण के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया, जिसे बाद में 30 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया।

एक पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहकों से आरबीआई इंस्ट्रूमेंट्स स्वीकार करके मर्चेंट्स और ई-कॉमर्स साइटों के लिए भुगतान सेवाएं प्रदान करता है। प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, वे ग्राहकों से प्राप्त फण्ड को एक निश्चित समय के बाद मर्चेंट्स को ट्रांसफर करते हैं।

दूसरी ओर, पेमेंट गेटवे, लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए मर्चेंट्स को केवल तकनीकी सेवाएं प्रदान करते हैं। फंड के संचालन में उनकी कोई भागीदारी नहीं होती है।

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