रूस को UN मानवाधिकार परिषद से निलंबित किया गया
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने रूस को मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council: HRC) से निलंबित कर दिया है। यूक्रेन के बुचा शहर में हत्याओं के बाद यह कदम उठाया गया है।
- महासभा में 93 देशों ने रूस को UNHRC से बाहर करने के पक्ष में वोट किया, चीन सहित 24 देशों ने रूस को बाहर करने के प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया वहीं भारत सहित 58 देशों मतदान से अनुपस्थित रहा।
- एक प्रस्ताव को अपनाने के लिए उपस्थित और मतदान करने वालों के दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। अनुपस्थिति की गिनती ‘ उपस्थित और मतदान करने वालों’ की संख्या में नहीं होती है।
- रूस 2020 में UNHRC में चुना गया था।
- ‘मानव अधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के अधिकारों का निलंबन’ संकल्प यूक्रेन, यू.एस., यूरोपीय संघ, कई लैटिन अमेरिकी देशों ने लाया था।
- इसके साथ ही, रूस ऐसा दूसरा देश हो गया है जिसकी मानवाधिकार परिषद की सदस्यता छीन ली गयी है। वर्ष 2011 में, लीबिया को महासभा द्वारा उस समय निलंबित कर दिया गया था जब वहां के नेता मोअम्मर गद्दाफी ने उथल-पुथल मचा दिया था।
मानवाधिकार परिषद
- मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है, जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मजबूत करने के लिए जिम्मेदार है।
- इसकी स्थापना 15 मार्च, 2006 को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की जगह पर गयी थी।
- इसका गठन UNGA द्वारा किया गया था, और इसकी पहली बैठक 19-30 जून, 2006 को हुई थी।
- परिषद की बैठक स्विट्जरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में होती है।
- इस परिषद के सदस्यों की संख्या 47 है, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रत्यक्ष और गुप्त मतदान के माध्यम से बहुमत से चुने जाते हैं।
- सदस्यों का कार्यकाल तीन साल होता है और लगातार दो कार्यकालों के बाद तत्काल पुन: चुने जाने के लिए पात्र नहीं होते हैं।
UPC प्रारंभिक परीक्षा दैनिक/वार्षिक सामान्य अध्ययन-1 अभ्यास (हिंदी माध्यम मानक अभ्यास)