रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम और नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल का शुभारंभ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-पावर@2047’ के समापन के अवसर पर ग्रैंड फिनाले में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme) का शुभारंभ किया। उन्होंने एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme)
प्रधानमंत्री ने विद्युत मंत्रालय की पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारम्भ किया, जिसका उद्देश्य वितरण कंपनियों की परिचालन दक्षताओं और वित्तीय स्थायित्व में सुधार करना है।
वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए 3,03,758 करोड़ रुपये के बजट के साथ, इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से वितरण इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण और मजबूती के लिए डिस्कॉम्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।
इसमें देश भर के उपभोक्ताओं को 25 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी किया गया है।
नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल
प्रधानमंत्री ने रूफटॉप सोलर के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल का भी शुभारम्भ किया, जिससे आवेदनों के पंजीकरण से लेकर प्लांट के इंस्टालेशन और निरीक्षण के बाद आवासीय ग्राहकों (लाभार्थियों) के बैंक खातों में सब्सिडी जारी करने तक रूफटॉप सोलर प्लांट्स लगाने की पूरी प्रक्रिया की ऑनलाइन निगरानी संभव हो जाएगी।
राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप कार्यक्रम के तहत अनुमानित क्षमता 4,000 मेगावाट है।
विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री ने एनटीपीसी की 5,200 करोड़ रुपये की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं और शिलान्यास किया गया। उन्होंने तेलंगाना में 100 मेगावाट की रामागुंडम फ्लोटिंग सौर परियोजना और केरल में 92 मेगावाट की कायमकुलम फ्लोटिंग सौर परियोजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना, लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना और गुजरात में प्राकृतिक गैस के साथ कावास ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग परियोजना का शिलान्यास किया।
रामागुंडम परियोजना 4.5 लाख ‘मेक इन इंडिया’ सोलर पीवी मॉड्यूल्स के साथ भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है।
कायमकुलम परियोजना दूसरी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है जिसमें पानी पर तैरते 3 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी पैनल शामिल हैं।
राजस्थान में नोख, जैसलमेर स्थित 735 मेगावाट की सोलर पीवी परियोजना एक ही स्थान पर 1000 एमडब्ल्यूपी के साथ भारत की सबसे बड़ी डॉमेस्टिक कंटेंट रिक्वायरमेंट (Domestic Content Requirement) आधारित सौर परियोजना है। इसमें एक ट्रैकर सिस्टम के साथ हाई वाटेज बाइफेसियल मॉड्यूल्स लगाए गए हैं।
लेह, लद्दाख स्थित ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना एक पायलट परियोजना है और इसका उद्देश्य लेह में तथा उसके आसपास पांच फ्यूल सेल बसें चलाना है। यह पायलट परियोजना भारत में सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए पहली फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल की तैनाती होगी।
एनटीपीसी कावास टाउनशिप में ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग पायलट परियोजना प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल में कमी लाने में सहायक भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन ब्लेंडिंग परियोजना होगी।