मलावी में पांच वर्षों में अफ्रीका का पहला पोलियोवायरस (WPV) मामला दर्ज किया गया
मलावी में पांच वर्षों में अफ्रीका का पहला वाइल्ड पोलियोवायरस (WPV) मामला दर्ज किया गया है। ग्लोबल पोलियो लेबोरेटरी नेटवर्क (GPLN) ने 17 फरवरी, को मलावी में 2022 वाइल्ड पोलियो वायरस मामले की पुष्टि की है। यह मामला आनुवंशिक रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अक्टूबर 2019 में पाए गए WPV1 से सम्बंधित पाया गया है।
- उल्लेखनीय हैं की पाकिस्तान और अफगानिस्तान दो ऐसे देश हैं जहां अभी भी यह स्थानिक बना हुआ है। अर्थात यहाँ पोलियो वायरस का संक्रमण जारी है।
- तीन साल की बच्ची में इस मामले का पता चला था, जिसने 19 नवंबर, 2021 से लकवा के लक्षण दिखाना शुरू कर दिया था। उसके मल के नमूने 26 और 27 नवंबर को परीक्षण के लिए एकत्र किए गए थे जिसमें पोलियो वायरस की पुष्टि हुई थी।
- मलावी में तीन दशकों में यह WPV का पहला मामला है। अगस्त 2020 में अफ्रीका को वाइल्ड पोलियोवायरस से मुक्त घोषित किया गया था। नवंबर 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि वाइल्ड पोलियो वायरस के मामले घट रहे हैं।
- पिछले साल बीमारी के केवल दो मामलों का पता चला था, और ये दोनों मामले पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पाए गए थे जहां यह स्थानिक (एंडेमिक) बना हुआ है।
पोलियो वायरस
- पोलियोमाइलाइटिस (पोलियो) एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
- वायरस मुख्य रूप से मल-मौखिक मार्ग के माध्यम से फैलता है या कभी-कभी, एक सामान्य करक (जैसे दूषित पानी या भोजन) द्वारा फैलता है और आंत में यह गुणा हो जाता है, जहां से यह तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण कर सकता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है।