मंडला: देश का पहला “कार्यात्मक रूप से साक्षर” जिला
मध्य प्रदेश का आदिवासी बहुल मंडला क्षेत्र देश का पहला “कार्यात्मक रूप से साक्षर” (functionally literate) जिला बन गया है। मध्य प्रदेश के राज्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने इसकी घोषणा की है।
वर्ष 2011 में एक सर्वेक्षण के अनुसार जिले में साक्षरता दर 68 प्रतिशत थी, जबकि 2020 में एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि जिले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे और उनमें से अधिकांश वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी थे।
एक व्यक्ति को कार्यात्मक रूप से साक्षर कहा जा सकता है जब वह अपना नाम लिखने, संख्या गिनने और हिंदी में पढ़ने और लिखने में सक्षम हो।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आंगनवाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर स्वतंत्रता दिवस 2020 से उन्हें कार्यात्मक रूप से साक्षर बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया। दो साल के भीतर पूरा जिला कार्यात्मक रूप से साक्षर हो गया है।